chaandni jab chhitak - chhitak kar cheed k shaakhon se aaye aur ik khoobsurat pari jaisi lagti Siya raat me nazar aaye aaye to Shayar yahi kahega ki
आज फिर चीड़ों पे छिटकी चाँदनी, नूर की चादर में लिपटी चाँदनी| झुरमुटों में छिप गया खरगोश वो -राह में बैठी है ठिठकी चाँदनी | एक मुद्दत से थे जिसकी बाट में -अब मिली वो एक चुटकी चाँदनी | बर्फ़ के हैं फूल और पूनम की रात -चाँदनी पर आज झरती चाँदनी | गिर रही है बर्फ़ अनहद नाद-सी -है अंधेरा रात फिर भी चाँदनी || ... ik ehsaas
chaandni jab chhitak - chhitak kar cheed k shaakhon se aaye aur ik khoobsurat pari jaisi lagti Siya raat me nazar aaye aaye to Shayar yahi kahega ki
ReplyDeleteआज फिर चीड़ों पे छिटकी चाँदनी, नूर की चादर में लिपटी चाँदनी|
झुरमुटों में छिप गया खरगोश वो -राह में बैठी है ठिठकी चाँदनी |
एक मुद्दत से थे जिसकी बाट में -अब मिली वो एक चुटकी चाँदनी |
बर्फ़ के हैं फूल और पूनम की रात -चाँदनी पर आज झरती चाँदनी |
गिर रही है बर्फ़ अनहद नाद-सी -है अंधेरा रात फिर भी चाँदनी || ... ik ehsaas
Wahhh wahhh
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