Monday, January 12, 2015

उत्तराखंड की बेटी का प्रधानमंत्री मोदी ने किया सम्मान

'जिन्हें करीब से देखने की तमन्ना हर हिंदुस्तानी की है, उनसे सम्मान पाकर मैं गौरवान्वित हूं। इस सम्मान ने मेरी मेहनत को सार्थक कर दिया।'

ऐसा सम्मान पानी वाली उत्तराखंड की पहली नृत्यांगना
ये कहना है कला के क्षेत्र में अपनी चमक बिखेर रही हल्द्वानी की बेटी तृप्ति का। हल्‍द्वानी के नवाबी रोड निवासी तृप्ति सनवाल को राष्ट्रपति भवन में बनारस घराने पर आधारित नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मानित किया। प्रधानमंत्री मोदी से इस तरह का सम्मान पानी वाली वह उत्तराखंड की पहली नृत्यांगना हैं।

मां दया सनवाल ने बताया कि तृप्ति को बचपन से ही शास्त्रीय संगीत में लगाव था। कुछ समय यहां कथक नृत्य सीखने के बाद वह दिल्ली चली गई, जहां राष्ट्रीय कथक केंद्र में उसने गुरु राजेंद्र गंगानी से नृत्य की बारीकियां सीखीं।

तृप्ति ने जयपुर घराने से कथक की बारीकियां भी सीखीं। वह ताज महोत्सव, कोणार्क महोत्सव, खजुराहो महोत्सव के साथ ही स्पीक मैके में कई प्रस्तुतियां दी। विद्युत विभाग में कार्यरत पिता हरीश चंद्र सनवाल भी उसकी इस उपलब्धि से काफी खुश हैं।

Thursday, January 8, 2015

सचिन ने मसूरी में बनाया आलीशान घर

भारत रत्न सचिन तेंदुलकर पहाड़ों की रानी मसूरी में अब अपने आलीशान ढहलिया बैंक बंगले में रहेंगे।

अब सचिन तेंदुलकर अपने दोस्त संजय नारंग के साथ ढहलिया बैंक में ही ठहरेंगे। बताया जाता है कि यह बंगला संजय नारंग के नाम पर है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह सचिन तेंदुलकर का घर है।

महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर जिस बंगले में रहने गए हैं उसे ढहलिया बैंक के नाम से जाना जाता है। यह बंगला करीब 100 साल पुरानी पहाड़ी शैली में बनाया गया है, लेकिन इसमें सभी सुविधाएं आधुनिक हैं।

बंगले से मसूरी की विश्व प्रसिद्ध विंटरलाइन का सीधे दीदार किया जा सकता है। ढहलिया बैंक पर्वतीय क्षेत्र में करीब 7500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। पांच सितारा जैसी सुविधाओं से युक्त यह भवन उत्तराखंडी शैली का अद्भुत नमूना बताया जाता है।

ऐसा है सचिन का नया आशियाना
समुद्रतल से साढ़े सात हजार फीट की ऊंचाई पर 360 डिग्री अक्षांश पर स्थित ढहलिया बैंक बंगले में सचिन तेंदुलकर और संजय नारंग शुक्रवार दोपहर बोथवेल बैंक भवन से शिफ्ट हो गए।

ढहलिया बैंक सचिन के दोस्त संजय नारंग के नाम है। लेकिन सूत्रों की माने तो यह बंगला मुंबई के बाद सचिन तेंदुलकर का दूसरा आशियाना है। ढहलिया बैंक में संजय नारंग ने पिछले 29 नवंबर को पूजा-अर्चना के बाद गृह प्रवेश किया था।

बंगले की खूबी
- ढहलिया बैंक बंगला लगभग 1.672 एकड़ भू-भाग में फैला है। इसमें स्वीमिंग पूल, बिलियर्ड स्नूकर रूम, टेबिल टेनिस, लॉन टेनिस और बार रूम है
- ढहलिया बैंक बंगला पहाड़ों की रानी मसूरी में 360 डिग्री अक्षांश पर बना है। यहां से चारों दिशाएं दिखाई देती हैं

- बंगले में छह शयन कक्ष हैं। इसकी छत पर पहाड़ी पठाल लगी हैं। पूरा भवन कीमती लकड़ी और पहाड़ी पत्थरों से बनाया गया है।
- सचिन के घर के निर्माण में करीब दो साल से अधिक का समय लगा है। भवन में 50 सीटों वाला एक थियेटर भी बनाया गया है।

- भवन के चारों ओर उत्तराखंडी शैली के पत्थर और काष्ठ कला की गई है। इस बंगले का लुक देहरादून स्थित मुख्यमंत्री आवास जैसा है।

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Source: Amar Ujala
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Thursday, January 1, 2015

उत्तराखंड की जुड़वा बहनें दुनिया के आखिरी छोर पर

दुनिया की सात ऊंची चोटियों को फतह कर विश्व रिकॉर्ड कायम करने पर्वतारोही जुड़वां बहनों ताशी-नुंग्शी ने देहरादून, उत्तराखंड और देश को नए साल का बड़ा तोहफा दिया है।


दोनों बहनों ने सातवीं सबसे ऊंची चोटी फतह करने के महज 12 दिन बाद ही स्कीइंग करते हुए दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने का कीर्तिमान स्थापित किया है। ताशी-नुंग्शी ने आठ दिन में यह अभियान पूरा किया। दोनों ध्रुव पर पहुंचने वाली पहली जुड़वां बहनें हैं।

देहरादून के जोहड़ी गांव निवासी 23 वर्षीय बहनों ताशी और नुंग्शी ने वर्ष 2012 में मिशन टू फॉर सेवन अभियान शुरू किया था। अभियान की आखिरी चोटी अंटार्कटिका स्थित माउंट विनसन पर दोनों बहनों ने 17 दिसंबर को तिरंगा फहराया।

18 दिसंबर को बेस कैंप पर लौटने के बाद 21 दिसंबर से दोनों ने ‘ऊंचाइयों से आगे, दुनिया की हद तक’ अभियान के तहत दक्षिणी ध्रुव का सफर शुरू किया।



सिर्फ दो साल में नापी दुनिया
अंटार्कटिका से 115 किलोमीटर की दूरी जुड़वां बहनों ने स्कीइंग कर पूरी की। दोनों के पास 30-40 किलो सामान भी था। इस दौरान -30 से -40 डिग्री तापमान, 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की बर्फीली हवाओं के बीच स्कीइंग करते हुए दोनों ने अभियान के आठवें दिन 28 दिसंबर को दोपहर एक बजे दक्षिणी ध्रुव पर तिरंगा फहराया।

मिशन में ताशी-नुंग्शी के साथ चीन और अन्य देशों के तीन पुरुष और एक महिला साथी भी रही। बता दें कि भारत की रीना कौशल धर्मसक्तू ही इससे पहले दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला हैं।

बहनों ने मिशन टू फॉर सेवन के तहत सबसे पहले अफ्रीका के माउंट किलिमंजारो पर आठ फरवरी 2012 को तिरंगा फहराया। 19 मई 2013 को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एशिया की माउंट एवरेस्ट, 22 अगस्त 2013 को यूरोप में माउंट एल्ब्रुस और 29 जनवरी 2014 को दक्षिणी अमेरिका में माउंट अकांकागुआ को फतह किया।

दोनों बहनों की चौथी चोटी पापुआ न्यू गिनी की माउंट कार्सटेंज पिरामिड रही, जिस पर उन्होंने 29 जनवरी 2014 को तिरंगा फहराया। छठी चोटी उत्तरी अमेरिका की माउंट मेकिनले पर वे चार जून 2014 और अंटार्कटिका की माउंट विनसन मैसिफ पर 17 दिसंबर 2014 को चढ़ीं।

ताकत नहीं है, लेकिन हम रुकेंगी नहीं...
‘डैड, बॉडी में ताकत नहीं है, वेट भी घट गया है।’ दक्षिणी ध्रुव के लिए अपने अभियान ‘ऊंचाइयों से आगे, दुनिया की हद तक’ के दूसरे ही दिन ताशी-नुंग्शी ने सेटेलाइट फोन पर यह बात अपने पिता वीके मलिक से कही।

बच्चियों ने बताया कि बर्फीले तूफान के बीच अपना सामान ढोकर स्कीइंग के दौरान पैरों पर छाले पड़ गए हैं, तबीयत बिगड़ने लगी है तो पिता एकबारगी आशंकित हो गए।

लेकिन अगले ही पल बेटियों ने जब कहा, ‘देखते हैं बॉडी कितना साथ दे पाती है, लेकिन हम रुकेंगी नहीं। हम अपना सर्वश्रेष्ठ देंगी....’ तो वीके मलिक की आंखों में फिर चमक जग उठी। आखिर ताशी-नुंग्शी ने हौसले के दम पर एक बार फिर पिता का सिर ऊंचा कर दिया।

अंटार्कटिका की 16045 फीट ऊंची पर्वत चोटी माउंट विनसन के बाद ताशी-नुंग्शी ने दक्षिणी ध्रुव का अभियान शुरू किया। 21 दिसंबर से अभियान शुरू हुआ। पिता वीके मलिक ने बताया कि 15 किलोमीटर स्कीइंग के बाद ताशी-नुंग्शी ने कैंप लगाया। वहां से सेटेलाइट फोन पर उन्होंने बताया कि दोनों का वजन 6-6 किलो घट गया है।

मलिक बताते हैं कि बातचीत के दौरान बेटियों की आवाज में तकलीफ और निराशा झलक रही थी। इस पर उन्होंने बेटियों को कहा, ‘बेटा, मिशन टू फॉर सेवन और अब इस अभियान का फैसला आपने खुद लिया है। खतरा अधिक है तो रहने दो।’ लेकिन फिर दोनों ने खुद ही आगे बढ़ते रहने की बात कही।

मलिक बताते हैं कि ताशी-नुंग्शी के इस अभियान का मकसद दुनिया को यह संदेश देना था कि बेटियां सशक्त होती हैं। वे ठान लें तो दुनिया की हर चुनौती पार कर सकती हैं। बताया कि ताशी-नुंग्शी को स्कीइंग की आदत नहीं थी। सिर्फ 31 दिन का ही उन्होंने प्रशिक्षण लिया था।

उस पर बर्फीली हवाओं के बीच वे हर दिन 30-40 किलो वजन लेकर औसतन 15-20 किलोमीटर स्कीइंग कर रहे थे। इस दौरान दोनों को मसल क्रैंप, डिहाइड्रेशन सहित अन्य दिक्कतों से जूझना पड़ा। बताया कि दल में शामिल चीन के पर्वतारोही को फ्रास्ट बाइट (अत्यधिक ठंड से शरीर सुन्न पड़ जाना) हो गया था।

उसका चेहरा बुरी तरह खराब हो गया था। उसे देखकर भी दोनों डर गई थीं, लेकिन फिर अभियान के मकसद ने उन्हें हौसला दिया और उनके कदम ध्रुव पर पहुंचकर ही रुके।

दस दिन का सफर आठ दिन में
अंटार्कटिका से दक्षिणी ध्रुव का सफर दस दिन में पूरा करने का लक्ष्य था। लेकिन मौसम खराब होने के कारण शुरुआत के दो दिन ताशी-नुंग्शी को माउंट विनसन के बेस कैंप पर ही रहना पड़ा। 21 दिसंबर को अभियान शुरू हुआ, तो दोनों बहनों ने आठ ही दिन में इसे पूरा कर लिया।

13 को पहुंचेंगी घर
पिता वीके मलिक ने बताया कि ताशी-नुंग्शी गुरुवार को चिली पहुंच चुकी थीं। दस जनवरी को दोनों भारत लौटेंगी। 13 जनवरी को दोनों बहने देहरादून स्थित घर आएंगी। घर में उनके स्वागत की तैयारी की जा रही है।

सिर्फ 31 दिन स्कीइंग का प्रशिक्षण
वीके मलिक ने बताया कि ताशी-नुंग्शी ने पर्वतारोहण का तो अच्छा अभ्यास और प्रशिक्षण लिया है, लेकिन स्कीइंग के लिए वक्त नहीं मिला।

वर्ष 2011 में गुलमर्ग में 21 दिन और दयारा ग्लेशियर उत्तराखंड में 10 दिन स्कीइंग का कोर्स ही दोनों कर सकीं। माउंट मैकिनली पर चढ़ने के दौरान दोनों ने करीब 15 किलोमीटर की स्कीइंग ही की थी। लेकिन दक्षिणी ध्रुव पर दोनों ने 115 किलोमीटर की स्कीइंग की, जबकि इसके लिए लंबे अभ्यास और अनुभव की जरूरत होती है।

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Source: Amar Ujala
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Wednesday, November 5, 2014

Urvashi Rautela

Urvashi Rautela is an Indian Supermodel, beauty queen and actress. She won Miss Universe India 2012 and was crowned Indian Princess Tourism Queen Of the Year International 2011. She later won Miss Tourism Queen Of The Year International 2011 held in China beating 88 competitors and Miss Asian Super Model 2011 beating 100 competitors in South Korea.

Early life
Rautela is from Kotdwar,Uttarakhand. She was accepted into New York Film Academy's School of Film and Acting, but chose to make Singh Saab the Great instead.

Career
Rautela made her modeling debut at Wills Lifestyle India Fashion Week and Lakme Fashion Week in 2011 as a teen Supermodel and appeared in TV and print ads for Lakmé Cosmetics, Ozel Lifestyle, Bhima Gold, LG, Grasim, Grohe and Levi's before shifting to pageants. In 2009, she was crowned Miss Teen India by the outgoing titleholder Koyal Rana, Miss Teen India 2008. The pageant was mentored by Miss World 1997 Diana Hayden. In 2011, she won the title of "Miss Asian Supermodel 2011" in South Korea. She then competed in Miss Tourism Queen of the year International and won the title. She became the youngest winner in the history of the pageant. Rautela pursued a career as a model until she became an actress. At age 18, she starred opposite Sunny Deol in the film Singh Saab The Great. She has appeared in Yo Yo Honey Singh's international video album "Lovedose" which released in October 2014. Rautela will star as the protagonist of Airavata, an action love story opposite Darshan Thoogudeep. She has also signed three movie deal with T-Series.

Filmography
Year 2013 - Singh Saab The Great 
Year 2014 - Airaavatha
Year 2014 - Love Dose
Year 2014 - The Girl from elsewhere/Porobashinee (Guest Appearance)

Awards
  • Star Guild Awards for Most Promising Debut (Female)(Nomination) - Singh Saab The Great.
  • Stardust Superstar Of Tomorrow - Female Nomination (2014) - Singh Saab The Great.
  • Zee Cine Award For Best Female Debut Nomination (2014) - Singh Saab The Great.
  • Bollywood Hungama Surfers' Choice Awards - Best Debutant (Female) Nomination 2013 - Singh Saab The Great.
  • Big Star Entertainment Awards - Most Entertaining Debutant (Female) Nomination 2013 - Singh Saab The Great.
  • ETC Bollywood Business Awards Most Profitable Debutant (Female) Nomination 2013 - Singh Saab The Great.

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Source: http://en.wikipedia.org/wiki/Urvashi_Rautela
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